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Palmistry - सन्तान रेखा एवं फल

सन्तान रेखाएँ बुधस्थान में विवाह रेखा के उपरी स्थान में कनिष्ठता अंगुली के नीचे स्थित होती है। सन्तान रेखाएँ छोटी – छोटी एवं सूक्ष्म धारियों के रूप में विवाह रेखा से उठकर कनिष्ठिका मूल की ओर जाती है। इन रेखाओं एवं अन्य लक्षणों के आधार पर यह बताया जा सकता है कि जातक के कितने बच्चे है और भविष्य में कितने और होंगे।पुरुषों की बजाय महिलाओं के हाथों में संतान रेखा ज़्यादा स्पष्ट होती है।

 सन्तान के संबंध में विचार करते समय शुक्र क्षेत्र का अध्ययन करना जरूरी होता है,कि शुक्र क्षेत्र के विस्तृत होने से व्यक्ति में सन्तानोत्पादन क्षमता अधिक होती है। यदि क्षेत्र जीवन रेखा व्दारा संकीर्ण कर दिया गया हो और उन्नत न हो कर दबा हुआ हो तो जातक में उस व्यक्ति की अपेक्षा, जिसका शुक्र क्षेत्र विस्तृत और उन्नत हो, सन्तानोत्पादन क्षमता कम होती है।

Palmistry - मणिबन्ध रेखाएँ एवं फल

 मणिबन्ध रेखाएँ एवं फल

मणिबंध रेखाएँ हथेली की ओर कलाई की हड्डी के मोड़ के स्थानों पर हथेली के नीचे कलाई की रेखाए मणिबन्ध रेखाएं कहलाती है, इनकी संख्या सामान्यतःएक से लेकर चार तक हो सकती। किसी – किसी व्यक्ति के हाथो में ये रेखाए कलाई के चारो ओर बंधन सूत्र की तरह अंकित रहती है।यह रेखाए प्राय: श्रंखलाकार (यवमाना की तरह) होती है, कितु इनका स्वरूप दो मोटी रेखाओं से भी बनता है।इसके व्दारा जातक की उम्र, धन, यात्राओं व स्वास्थ्य आदि के बारे में सूचना दर्शाता है।

Palmistry - नाखून (Finger Nails) से भाविष्य फल

Palmistry - नाखून (Finger Nails) से भाविष्य फल

 हाथ के नाखून से व्यक्ति के स्वास्थ्य , जीवन - शक्ति और स्वभाव की पक्की जानकारी मिलती है  

उंगलियों के ऊपर सिरों की संवेदन शीलता बहुत अधिक होती है इसका कारण यह है कि यहाँ स्नायुतंतुओं के अंतिम सिरे अधिकतम मात्रा में विद्यमान होते है। इनकी रक्षा के लिए   नाखून कवच का कार्य करता है। 

हारमोनो की मात्रा, शरीर के खनिज पदार्थ  तथा रक्त के स्तर का कारण नाखून का रंग , आकार , बनावट और चमक बनती है यदि हारमोन आदि सभी आवश्यक तत्व व्यक्ति में ठीक मात्रा में हो तो लगभग 5/6  मास में पुराने नाखून के स्थान पर नया नाखून आ जाता है आयु के प्रभाव के कारण या हारमोनो की कमी या अधिकता से नाखून के बढने की गति कम या अधिक हो सकती है नाखून जड से सिरे की ओर बद्ता है इससे हमे ज्ञात हो सकता है कि नाखून का दोष कब आरम्भ हुआ अर्थात यदि सफेद धब्बा या आड़ी धारी जड के निकट हो तो दोष का आरंभ महीने भर के आसपास हुआ है यदि उंगली के सिरे के निकट हो तो दोष का समय 4 /5 मास के आसपास हुआ है

Palmistry - हाथ का प्रिंट (हाथ की छाप ) लेने की विधि तथा सामान

 



प्रिंट लेने के लिए ये वस्तुए चाहिए :- 

1 - हैंड प्रिंट रोलर, 

2 - वाटर बेस्ड प्रिंटिंग इंक (वाटर बेस्ड इंक की ट्यूब 'साईकलोस्टाइल प्रिंटिंग' के काम आती है यह इंक साबुन व्दारा हाथ से छुट जाती है ),

नोट - प्रिंटिंग प्रेस की आयल बेस्ड इंक हाथ से छुड़ाने के लिए साबुन के साथ मिट्टी के तेल (घासलेट) की भी जरूरत पडती है। 

3 - शीशा या सनमाइका जैसी कोई अन्य चिकनी सतह ,

4 - एक चिकने किस्म का कागज जो हाथ के आकार से तनिक बड़ा हो, 

Palmistry - हाथ देखने का समान्य नियम

 हाथ देखने का समान्य नियम तथा क्रम 

  •  हाथ देखने का सर्वश्रेष्ठ समय प्रातः सूर्योदय से लेकर चार घंटे बाद तक का है उस समय रेखाए स्पष्ट होती है और दिन के उजाले में हाथ का रंग और रेखाओ का रंग ठीक - ठीक दिखाई देता है।
  • अगर दिन का उजाला नही मिल सकता हो, तो पर्याप्त प्रकाश में हाथ देखे, वह सूर्य का हो या बिजली का प्रकाश हो
  • हाथ देखना कहाँ से आरंभ करे ताकि कोई लक्षण चूक न जाए, इसलिए अपनी सुविधा के लिए एक कागज पर वह क्रम लिखकर रख ले जिसके अनुसार हाथ देखना है। 

शकुन एवं अपशकुन - छिपकली सबंधी

शकुन एवं अपशकुन - छिपकली सबंधी

  • भौंह पर छिपकली गिरना -  धन हानि।
  • दाहिनी आंख पर छिपकली गिरना - किसी दोस्तत से मुलाकात होगी।
  •  बाईं आंख पर छिपकली गिरना  -  जल्द ही कोई बड़ी हानि होगी।
  • कंठ पर छिपकली गिरना - शत्रुओं का नाश होगा।
  • दाहिने कंधे पर छिपकली गिरना  -   विजय की प्राप्ति 
  •  बाएं कंधे पर  छिपकली गिरना  -   नए शत्रु बनते हैं।
  •  दाहिनी भुजा पर छिपकली गिरना  - तो धन लाभ मिलता है।
  •  बायीं भुजा पर छिपकली गिरना  -  संपत्ति छिनने की आशंका बढ़ती है। 

अंगो पर तिल के होने का महत्त्व






माथा / ललाट पर
  1. माथे के दाहिनी ओर तिल का होना धन हमेशा बढ़ता रहेगा। ऐसे लोग धनी और सुखी होते हैं। किसी भी काम को करने की अद्भुत क्षमता होती है उनमें और सोचने-समझने की शक्ति भी कमाल की होती है।
  2. ललाट के मध्य भाग में तिल का होना भाग्यवान और निर्मल प्रेम की निशानी माना जाता है। ऐसे लोग जिंदगी में काफी सफल होते हैं।
  3. माथे के बायीं ओर तिल का होना फिजूलखर्ची का प्रतीक होता है।ऐसे  लोगों को पैसे की कीमत समझ नहीं आती। एक तरफ से पैसा आए तो दूसरी तरफ से उसे उड़ाने में ये कोई कसर नहीं छोड़ते।

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