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Prediction (भविष्यवाणी) of Corona by 14 Years Astrologer Abhigya Anand From Nov 2019





प्रेम प्रसंग और शादी से जुड़ी बातें बताती है हथेली की ये रेखा

प्रेम प्रसंग और शादी से जुड़ी बातें जानने के लिए हथेली की विवाह रेखा का अध्ययन मुख्य रूप से किया जाता है। यहां जानिए विवाह रेखा से जुड़ी खास बातें...
कहां होती है विवाह रेखा
हमारी हथेली में थोड़े-थोड़े समय में कई रेखाएं बदलती रहती हैं। जबकि कुछ खास रेखाएं ऐसी हैं, जिनमें ज्यादा बदलाव नहीं होते हैं। इन महत्वपूर्ण रेखाओं में जीवन रेखा, भाग्य रेखा, हृदय रेखा, मणिबंध, सूर्य रेखा, विवाह रेखा शामिल है। हस्तरेखा ज्योतिष के अनुसार, विवाह रेखा से किसी भी व्यक्ति के प्रेम प्रसंग और वैवाहिक जीवन पर विचार किया जाता है। विवाह रेखा सबसे छोटी उंगली (लिटिल फिंगर) के नीचे वाले भाग पर आड़ी स्थिति में होती है। छोटी उंगली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहा जाता है। विवाह रेखा एक या एक से अधिक भी हो सकती है।
यहां जानिए विवाह रेखा से जुड़ी खास बातें...
1. यदि किसी व्यक्ति के हाथ में विवाह रेखा और हृदय रेखा के बीच की दूरी बहुत ही कम है तो ऐसे लोगों का विवाह कम उम्र में होने की संभावनाएं होती हैं। आमतौर पर विवाह रेखा और हृदय रेखा के बीच की दूरी ही व्यक्ति के विवाह की उम्र बताती है। इन दोनों रेखाओं के बीच जितनी अधिक दूरी होगी विवाह उतने ही अधिक समय बाद होता है। ऐसी संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं।

2. यदि किसी व्यक्ति के दोनों हाथों में विवाह रेखा की शुरुआत में दो शाखाएं हों तो उस व्यक्ति की शादी टूटने का डर रहता है।
3. यदि किसी स्त्री के हाथ में विवाह रेखा की शुरुआत में द्वीप का चिह्न हो तो ऐसी स्त्री की शादी किसी धोखे से होने की संभावनाएं रहती हैं। साथ ही, यह निशान जीवन साथी के खराब स्वास्थ्य की ओर भी इशारा करता है।

4. यदि किसी व्यक्ति के हाथ में विवाह रेखा बहुत अधिक नीचे की ओर झुकी हुई दिखाई दे रही है और वह हृदय रेखा को काटते हुए नीचे की ओर चले जाए तो यह शुभ लक्षण नहीं माना जाता है। ऐसी रेखा वाले व्यक्ति के जीवन साथी की मृत्यु उसकी मौजूदगी में ही हो सकती है।

5. यदि किसी व्यक्ति की हथेली में विवाह रेखा लम्बी और सूर्य पर्वत तक जाने वाली है तो यह संपन्न और समृद्ध जीवन साथी का प्रतीक है।

6. यदि बुध पर्वत से आई हुई कोई रेखा विवाह रेखा को काट दे तो व्यक्ति का वैवाहिक जीवन परेशानियों भरा होता है।

Source - bhasker

Palmistry - मणिबन्ध रेखाएँ एवं फल

 मणिबन्ध रेखाएँ एवं फल

मणिबंध रेखाएँ हथेली की ओर कलाई की हड्डी के मोड़ के स्थानों पर हथेली के नीचे कलाई की रेखाए मणिबन्ध रेखाएं कहलाती है, इनकी संख्या सामान्यतःएक से लेकर चार तक हो सकती। किसी – किसी व्यक्ति के हाथो में ये रेखाए कलाई के चारो ओर बंधन सूत्र की तरह अंकित रहती है।यह रेखाए प्राय: श्रंखलाकार (यवमाना की तरह) होती है, कितु इनका स्वरूप दो मोटी रेखाओं से भी बनता है।इसके व्दारा जातक की उम्र, धन, यात्राओं व स्वास्थ्य आदि के बारे में सूचना दर्शाता है।

शकुन एवं अपशकुन - छिपकली सबंधी

शकुन एवं अपशकुन - छिपकली सबंधी

  • भौंह पर छिपकली गिरना -  धन हानि।
  • दाहिनी आंख पर छिपकली गिरना - किसी दोस्तत से मुलाकात होगी।
  •  बाईं आंख पर छिपकली गिरना  -  जल्द ही कोई बड़ी हानि होगी।
  • कंठ पर छिपकली गिरना - शत्रुओं का नाश होगा।
  • दाहिने कंधे पर छिपकली गिरना  -   विजय की प्राप्ति 
  •  बाएं कंधे पर  छिपकली गिरना  -   नए शत्रु बनते हैं।
  •  दाहिनी भुजा पर छिपकली गिरना  - तो धन लाभ मिलता है।
  •  बायीं भुजा पर छिपकली गिरना  -  संपत्ति छिनने की आशंका बढ़ती है। 

अंगों के फड़कने का फल

अंगों के फड़कने  का फल का सामान्य सिधान्त  - पुरुष के शरीर के दाएं भाग में फड़कता है तो उसे जल्द ही कोई बड़ी खुशखबरी सुनने को मिल सकता है। पुरुष के शरीर का अगर बायां भाग फड़कता है तो भविष्य में उसे कोई दुखद घटना झेलनी पड़ सकती है।  जबकि महिलाओं के मामले में यह उलटा है, यानि उनके बाएं हिस्से के फड़कने में खुशखबरी और दाएं हिस्से के फड़कने पर बुरी खबर सुनाई दे सकती है।

आंखो के फड़कने  का फल -
  1. अगर व्यक्ति की दाईं आंख फड़कती है तो यह इस बात का संकेत है कि उसकी सारी इच्छाएं पूरी होने वाली हैं और अगर उसकी बाईं आंख में हलचल रहती है तो उसे जल्द ही कोई अच्छी खबर मिल सकती है।  

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